नई दिल्ली। कांग्रेस के तीन बडे़ नेता इलेक्टोरल बॉन्ड के मुद्दे पर केन्द्र सरकार को आज घेरने उतरे। मीडिया को संबोधित करते हुए संसद में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि भाजपा इस सरकार को देश के चंद बिजनेस घरानों से मिलकर चला रही है। राजनीतिक दलों के बोलने पर उन पर राजनीति का ठपा लगा दिया जाता है। लेकिन, आरटीआई द्वारा यह साबित हो गया कि हमारी आपत्तियां सही साबित हो रही हैं। भाजपा सरकार में इलेक्टोरल बॉन्ड के बारे में आरटीआई के जरिए सामने आया है कि पीएमओ का इसमें दखल था। यह पहली बार हुआ है, जब पीएमओ ने ही कहा हो कि नियम तोड़ दो। ऐसा हमने कभी नहीं देखा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इस नई योजना में न तो चंदा देने की कोई सीमा निर्धारित है और नहीं चंदा देने वाले और लेने वाले के नाम को सार्वजनिक करने का कोई उल्लेख है। योजना के बारे में खुद आरबीआई ने कहा है कि यह मनी लॉन्ड्रिंग को बढ़ावा देगी। साथ ही मुद्रा को भी कमजोर करने का काम होगा। न तो पैसे देने वाले का नाम बताया जा रहा है कि, वो- स्मगलर है, फ्रॉड है या कोई आतंकवादी है। यह पूरी तरह गैरकानूनी है। चुनाव आयोग ने कहा है कि इस योजना से चंदा देने की पारदर्शिता खत्म हो जाएगी। इससे शैल कंपनियों के जरिए राजनीतिक दलों को काले धन का प्रवाह बढ़ जाएगा। आरटीआई में बार-बार उल्लेख है कि यह पीएमओ की निगरानी में हुआ है।
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