नई दिल्ली। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी दलों को नसीहत देते हुए हुए कहा है उन्हे बिना किसी तथ्यों के लोक सभा, राज्य सभा या किसी भी राज्य की विधान सभा पर राजनीतिक आरोप नहीं लगाने चाहिए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
संसद भवन परिसर में धरना-प्रदर्शन और धार्मिक कार्यक्रम पर रोक के पत्र पर विरोधी दलों द्वारा की जा रही आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि अभी लोक सभा में कोई सकरुलर जारी नहीं किया गया है। लेकिन यह एक प्रक्रिया है और यह लंबे समय से चल रही है। आप सबको जानकारी है कि 2009 से एक प्रक्रिया चल रही है, उससे पहले से भी यह चल रही थी।
बिरला ने आगे कहा कि, मेरा राजनीतिक दलों से आग्रह है कि किसी भी विषय पर संसद या राज्यों की विधानसभाओं पर बिना तथ्यों के किसी भी तरह के राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप से बचना चाहिए।
उन्होने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को लोकतांत्रिक संस्थाओं को सशक्त करने के लिए कार्य करना चाहिए क्योंकि सभी लोकतांत्रिक संस्थाएं ( विधायिका ), चाहे वो केंद्र की हो या राज्यों की, पूरी जिम्मेदारी और जवाबदेही से कार्य करती है। उनकी कोशिश होती है कि सभी सदस्यों को मिले अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत अपने मुद्दों को सार्थक तरीके से सदन में रखने का मौका मिले।
दरअसल , कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस तरह के आदेश की एक कॉपी को शेयर करते हुए ट्वीट कर कहा था, विश्वगुरु का नया काम 'धरना' मना है। इस आदेश के मुताबिक, संसद भवन परिसर में कोई सदस्य धरना, हड़ताल, भूख हड़ताल नहीं कर सकेगा और इसके साथ ही वहां कोई धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित नहीं हो सकेगा।
--आईएएनएस
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