नई दिल्ली । भारत मौसम विज्ञान विभाग
(आईएमडी) ने गुरुवार को कहा कि खरीफ फसल के लिए महत्वपूर्ण दक्षिण-पश्चिम
मॉनसून के 6 जुलाई तक पूरे देश में पहुंचने की संभावना है, जबकि सामान्य
तिथि 8 जुलाई है।
एक जल्द शुरूआत के बाद, दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत और बाद में मध्य भारत में
अनुकूल प्रणालियों के अभाव में दक्षिण पश्चिम मानसून देर से आगे बढ़ रहा
है। आईएमडी ने कहा कि आज की तारीख में, मॉनसून की उत्तरी सीमा (एनएलएम)
पोरबंदर, वडोदरा (दोनों गुजरात), शिवपुरी, रीवा (दोनों मध्य प्रदेश) और
चुर्क (उत्तर प्रदेश) से होकर गुजर रही है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आईएमडी का कहना है कि
दक्षिण पश्चिम मानसून सामान्य रूप से 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता
है। हालांकि, गुरुवार शाम को जारी विस्तारित रेंज पूवार्नुमान (ईआरएफ) में
कहा गया है: "दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के 30 जून से 6 जुलाई तक पूरे देश में
आने की संभावना है।"
सटीक तारीख के बारे में पूछे जाने पर, आईएमडी
के एक वरिष्ठ मौसम विज्ञानी ने कहा कि कोई तारीख नहीं है, और ईआरएफ सिर्फ
एक मार्गदर्शन है।
राष्ट्रीय राजधानी के साथ मानसून की तारीख के
बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "फिलहाल, हम विभिन्न विशेषताओं की
निगरानी कर रहे हैं और ऐसी कोई निश्चित तारीख नहीं दी जा सकती है।"
इस बीच, ईआरएफ ने उल्लेख किया कि बुधवार को समाप्त हुए मौसम पूवार्नुमान सप्ताह के दौरान पूरे देश में अधिक वर्षा हुई।
साप्ताहिक
संचयी अखिल भारतीय वर्षा अपने दीर्घावधि औसत (एलपीए) से 45 प्रतिशत थी,
जिसमें उत्तर पश्चिम भारत में साप्ताहिक संचयी 120 प्रतिशत, पूर्व और
पूर्वोत्तर भारत में 77 प्रतिशत और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में 29
प्रतिशत थी। हालांकि, मध्य भारत के लिए यह माइनस 2 फीसदी था।
--आईएएनएस
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