नई दिल्ली। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि उनको उम्मीद है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) में नई पूंजी डालने के बाद कुछ बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के त्वरित सुधार कार्य (पीसीए) की व्यवस्था से बाहर होंगे। अरुण जेटली के अनुसार, कुछ पीएसबी में अतिरितक्त 41,000 करोड़ रुपये की रकम डाली जाएगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पीएसबी में बैंकों में पूंजी डालने के सरकार के लक्ष्य के बारे में संवाददाताओं से बातचीत में जेटली ने बताया, "बेहतर प्रदर्शन करने वाले पीएसबी को पूंजी प्रदान करने से जोखिम वाली परिसंपत्ति के अनुपात में नौ फीसदी पूंजी हासिल होगी और 1.875 फीसदी कैपिटल कंजरवेशन बफर और छह फीसदी निवल एनपीए की सीमा होने से उनको पीसीए के दायरे से बाहर निकलने में सहूलियत होगी।"
इससे पहले सरकार ने लोकसभा में वर्ष 2018-19 के लिए सकल अतिरिक्त खर्च के रूप में 85,948.86 करोड़ रुपये की दूसरी अनुपूरक अनुदान मांग पेश की, जिसमें गैर निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) से प्रभावित पीएसबी के पुनर्पूजीकरण के लिए 41,000 करोड़ रुपये शामिल है। वर्तमान में भारी परिमाण में खराब कर्ज से दबे 11 बैंक पीसीए फ्रेमवर्क के तहत आते हैं। केंद्र सरकार के आग्रह पर इस मसले को लेकर आरबीआई के वित्तीय निगरानी बोर्ड की बैठक जल्द होने वाली है।
--आईएएनएस
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