वार्ताकारों ने प्रशासन के अधिकारियों को सबके सामने बुलाया और
प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा की बात पूछी जिसके बाद प्रशासन की तरफ से कहा
गया कि हम प्रदर्शनकारियों को सुरक्षा देंगे अगर एक रोड खुलता है तो साथ ही
हम बेरिकेडिंग लगा देंगे और पुलिस के जवानों को भी खड़ा करेंगे। एक महिला
प्रदर्शनकारी ने कहा कि जब पुलिस की मौजूदगी में गोली चल सकती है तो बाद
में क्या होगा? हमें पुलिस पर भरोसा नहीं। उसके बाद प्रदर्शनकारी ने अपनी
बात को आगे रखते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस लिखित में हमें आश्वाशन दे कि
सुरक्षा मिलेगी और अगर यहां किसी तरह की कोई घटना होती है तो कमिश्नर,
डीसीपी, एसएचओ और बीट कांस्टेबल जिम्मेदार हो।
शाहीनबाग में
प्रदर्शनकारियों से वातार्कार रामचंद्रन ने सवाल पूछते हुए कहा कि क्या आप
मानते हैं कि हम सब नागरिक हैं और क्या आप मानते हैं कि संविधान में हम
सबका हक है तो फिर हल भी हम सबको मिलकर निकालना चाहिए। उन्होंने आगे सवाल
करते हुए पूछा कि क्या यह रास्ता खुलना नहीं चाहिए? आपकी आवाज भी बुलंद और
बरकरार रहनी चाहिए। एक छोटा सा हल हमें निकालना है कि रोड भी खुल जाए जिससे
लोग रोड इस्तमाल कर सकें।
- IANS
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