• Aapki Saheli
  • Astro Sathi
  • Business Khaskhabar
  • ifairer
  • iautoindia
1 of 1

यौन उत्पीड़न मामलों को नजरअंदाज होने नहीं दिया जा सकता - सुप्रीम कोर्ट

Sexual harassment cases cannot be ignored - Supreme Court - Delhi News in Hindi

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह यौन उत्पीड़न के मामलों को नजरअंदाज नहीं होने दे सकता है। शीर्ष अदालत ने मध्य प्रदेश के एक पूर्व डिस्ट्रिक्ट जज की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह कहा, जिसमें एक जूनियर न्यायिक अधिकारी द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने के बाद डिस्ट्रिक्ट जज ने इसे चुनौती दी थी।

मुख्य न्यायाधीश एस. ए.बोबडे की अगुवाई वाली पीठ जिसमें न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और वी. रामासुब्रमण्यन भी शामिल थे, ने कहा, " हम यौन उत्पीड़न के मामलों को नजरअंदाज होने नहीं दे सकते।"

पीठ ने जज से अनुशासनात्मक कार्यवाही को चुनौती देने वाली याचिका वापस लेने को कहा।

मुख्य न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता आर. बालासुब्रमण्यम से कहा, "आप बहुत पतली रेखा पर चल रहे हैं, आप किसी भी समय गिर सकते हैं। आपके पास जांच में बरी होने का मौका हो सकता है, लेकिन आज जैसे कि मामला सामने है आप पहले ही दोषी हैं।"

मामले में विस्तृत सुनवाई के बाद, शीर्ष अदालत ने कहा कि वह याचिकाकर्ता के विवाद से निपटने के लिए एक छोटा आदेश पारित करेगी और फिर याचिका को खारिज कर देगी। हालांकि, याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत से कहा कि वह जांच में भाग लेने के लिए स्वतंत्रता के साथ याचिका वापस लेने की अनुमति दे।

16 फरवरी को, सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के एक जिला न्यायाधीश के आचरण पर तीखी टिप्पणी की, जिन्होंने एक जूनियर अधिकारी को आपत्तिजनक और अनुचित संदेश भेजे और इस आचरण को 'फ्लर्ट' के रूप में उचित ठहराया था।

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता अर्जुन गर्ग के साथ वरिष्ठ अधिवक्ता रवींद्र श्रीवास्तव ने जिला न्यायाधीश द्वारा जूनियर महिला अधिकारी को भेजे गए कई व्हाट्सएप संदेशों को पढ़ा। श्रीवास्तव ने कहा कि वह एक वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी हैं, इसलिए उनका आचरण महिला अधिकारी के साथ कहीं, ज्यादा गरिमापूर्ण होना चाहिए था।

शीर्ष अदालत ने कहा, "व्हाट्सएप संदेश काफी अपमानजनक और अनुचित हैं। एक जज के लिए जूनियर अधिकारी के साथ यह आचरण स्वीकार्य नहीं है।"

--आईएएनएस

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

यह भी पढ़े

Web Title-Sexual harassment cases cannot be ignored - Supreme Court
खास खबर Hindi News के अपडेट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर फॉलो करे!
(News in Hindi खास खबर पर)
Tags: supreme court, sexual harassment cases, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, delhi news, delhi news in hindi, real time delhi city news, real time news, delhi news khas khabar, delhi news in hindi
Khaskhabar.com Facebook Page:

प्रमुख खबरे

आपका राज्य

Traffic

जीवन मंत्र

Daily Horoscope

Copyright © 2023 Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved