1. 1948 में जीप घोटाला: आजादी के बाद भारत सरकार ने एक लंदन की
कंपनी से 2000 जीपों को सौदा किया। सौदा 80 लाख रुपये का था। लेकिन केवल
155 जीप ही मिल पाई। घोटाले में ब्रिटेन में मौजूद तत्कालीन भारतीय
उच्चायुक्त वी.के. कृष्ण मेनन का हाथ होने की बात सामने आई। लेकिन 1955 में
केस बंद कर दिया गया। जल्द ही मेनन नेहरु केबिनेट में शामिल हो गए। वसूली 1
रुपए की भी नहीं हो पाई। ये भी पढ़ें - यहां दीपक की लौ के रूप में आकर स्थापित हुईं मां चामुंडा
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