नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सत्ता के लिए संघर्ष जारी है। किसी एक दल के पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीटें नहीं होने से तरह-तरह के समीकरण उभर रहे हैं। ऐसे में हर पार्टी की अहमियत बढ़ गई है। कोई भी दल दूसरे को समर्थन देकर किसी का भी खेल बना और बिगाड़ सकता है। इस बीच कांग्रेस भी कोई कोताही नहीं बरतना चाहती। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शुक्रवार रात महाराष्ट्र कांग्रेस के कुछ नेता आगामी रणनीति बनाने के लिए पार्टी की अंतरिम राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के घर 10 जनपथ पर पहुंचे। इनमें महाराष्ट्र के पूर्व सीएम अशोक चव्हाण, बालासाहेब थोरट, मणिरॉव ठाकरे और पृथ्वीराज चौहान जैसे दिग्गज नेताओं के नाम शुमार हैं।
उल्लेखनीय है कि 50-50 के फॉर्मूले पर सहमति नहीं बनने से भाजपा और शिवसेना ने एक-दूसरे के खिलाफ कड़े तेवर अपनाए हुए हैं। ऐसे में दो अन्य महत्वपूर्ण दल कांग्रेस और एनसीपी का कद भी काफी बढ़ गया है। इन दोनों का समर्थन मिलने पर शिवसेना सरकार बना सकती है।
हालांकि अब तक जो खबरें सामने आई हैं उनमें कहा जा रहा है कि कांग्रेस समर्थन देने के बजाय विपक्ष में ही बैठना पसंद करेगी। 288 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 145 सीट चाहिए। शिवसेना के 56, एनसीपी के 54 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं। ये तीनों मिल जाए तो बहुमत से ज्यादा सीटें हो जाएंगी।
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