नई दिल्ली। वरिष्ठ पत्रकार और लेखक कुलदीप नैयर का यहां एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे। उनके परिवार ने गुरुवार को उनके निधन की पुष्टि की। नैयर ने रात 12.30 बजे एस्कॉट्र्स अस्पताल में आखिरी सांस ली। उनका अंतिम संस्कार गुरुवार दोपहर एक बजे किया जाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
नैयर ने अपने करियर की शुरुआत उर्दू के एक समाचार पत्र से की थी। मानवाधिकार कार्यकर्ता रहे नैयर 1990 में ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त भी रह चुके हैं और उन्हें राज्यसभा के लिए भी नामित किया गया था। स्तंभकार नैयर ने ‘बियॉन्ड द लाइन्स’ और ‘इंडिया आफ्टर नेहरू’ सहित कई किताबें भी लिखी हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस और कई पत्रकारों ने नैयर के निधन पर दुख जताया है। पीएम मोदी ने कहा कि नैयर ने इमरजेंसी के खिलाफ मजबूती से आवाज उठाई थी। वो हमारे समय के बड़े बुद्धिजीवी थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दिग्गज पत्रकार कुलदीप नैयर के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि उन्होंने अपाताकाल के खिलाप दृढ़ता से अपनी आवाज उठाई थी। मोदी ने कहा कि समाज सेवा, बेहतर भारत की उनकी प्रतिबद्धता को भारत हमेशा याद रखेगा।
मोदी ने ट्वीट कर कहा, "कुलदीप नैयर हमारे समय के एक बौद्धिक शख्स थे। विचारों से बेबाक और निडर। उन्होंने कई दशकों तक काम किया।" उन्होंने कहा, "आपातकाल के खिलाफ, समाज सेवा और बेहतर समाज बनाने की प्रतिबद्धता को देश हमेशा याद करेगा। उनके निधन से दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं।"
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