नई दिल्ली । गांधी जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंडारा पार्क स्थित एनडीएमसी स्कूल पहुंचे। यहां उन्होंने स्कूली छात्र-छात्राओं के साथ मुलाकात की और उनके साथ श्रमदान किया। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी को अपने बीच पाकर स्कूली छात्रा-छात्राओं में खुशी देखने को मिली। आईएएनएस से बातचीत के दौरान स्कूली छात्र-छात्राओं ने अपने अनुभव साझा किए।
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9वीं क्लास की छात्रा अनीशा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारे साथ श्रमदान किया। हमें स्वच्छता अभियान के बारे में बताया कि कैसे इस अभियान ने लोगों की मानसिकता को बदलने का काम किया। अगर हम स्वच्छ रहेंगे तो स्वस्थ रहेंगे। हमने स्वच्छता अभियान पर पेंटिंग भी बनाई थी। प्रधानमंत्री ने सभी पेंटिंग्स का अवलोकन भी किया। साथ ही उन्होंने अन्य लोगों को भी स्वच्छता अभियान के प्रति जागरूक करने के लिए कहा है।
7वीं क्लास की छात्रा नंदिनी ने बताया कि हमें विश्वास नहीं था कि प्रधानमंत्री हमसे मिलने के लिए आएंगे। उनसे मिलकर काफी खुशी हुई है। वह हमसे ऐसे मिले हैं जैसे परिवार में कोई बड़ा सदस्य बच्चों से मिलता है। पीएम ने हमारे साथ मिलकर श्रमदान किया। इस दौरान हमने देखा कि वह एक आम इंसान की तरह योगदान दे रहे थे। बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता के प्रति हमें जागरूक किया। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि गांवों में एक वक्त तक शौचालय नहीं होने से महिलाओं को काफी परेशानी होती थी। लेकिन, अब देशभर में शौचालय बनाए जा रहे हैं। उन्होंने हमें सुकन्या योजना के बारे में बताया।
छठी क्लास की छात्रा अदिति ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर काफी अच्छा लग रहा है। प्रधानमंत्री ने सुकन्या योजना के बारे में बताया। इस योजना के तहत लड़की के जन्म से लेकर 10 साल तक माता-पिता इस योजना के तहत खाता खुलवा सकते हैं। लड़की के 18 साल होने पर शिक्षा व विवाह में योजना से मिलने वाले पैसों से आर्थिक रूप से मदद होगी।"
छात्र भारत ने बताया कि मैंने जो पेंटिंग बनाई है। इसका मकसद लोगों को यह बताना है कि लड़का-लड़की का स्वच्छता में बराबर का योगदान रहता है। इसका विषय है “स्वभाव स्वच्छता संस्कार स्वच्छता”, हमें स्वच्छता को स्वभाव बनाना है और अपने संस्कारों को स्वच्छ बनाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता के बारे में हमसे बातचीत की। उन्होंने हमारी पेंटिंग को देखकर कहा कि स्वच्छता सिर्फ कार्यक्रम नहीं है। हमें स्वभाव और अपने संस्कारों में लेकर आना है। अगर हमारे संस्कार और स्वभाव अच्छे होंगे तो हमारा देश आगे बढ़ेगा।"
--आईएएनएस
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