यह पूछे जाने पर कि आखिर जस्टिस मिश्रा के सीजेआई के तौर पर कार्यभार
संभालने के 4 महीनों के भीतर ऐसा क्या हो गया कि देश की शीर्ष अदालत के 4
सर्वाधिक सीनियर जजों को यह प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ी, जस्टिस (रिटायर्ड)
कुरियन ने कहा, चुनिंदा जजों की अगुवाई वाली बेंचों को केसों के आवंटन,
सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट्स के जजों की नियुक्ति के संबंध में सुप्रीम
कोर्ट के कामकाज पर बाहरी प्रभाव के कई उदाहरण थे। उन्होंने कहा कि कई
केसों का आवंटन उन जजों को किया गया, जो राजनीतिक तौर पर पक्षपातपूर्ण
रूझान के लिए जाने जाते थे। ये भी पढ़ें - इस पेड से निकल रहा है खून, जानिए पूरी कहानी
उन्होंने कहा, हमें लग रहा था कि कोई
बाहर से सीजेआई को कंट्रोल कर रहा है। हमने तत्कालीन सीजेआई से मुलाकात की
और उनसे इस बारे में बात की। उन्हें सुप्रीम कोर्ट की स्वतंत्रता व गरिमा
बहाल रखने के लिए लिखा भी। लेकिन जब सभी प्रयास विफल साबित हुए तो हमने
प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का फैसला लिया।
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