नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह एससी/एसटी (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के तहत शिकायत पर गिरफ्तारी अनिवार्य नहीं होने के अपने फैसले पर केंद्र की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करेगा।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने मामले को अपराह्न 2 बजे सूचीबद्ध करने का निर्देश देते हुए कहा कि मामले की सुनवाई खुली अदालत में होगी। इसकी सुनवाई प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित व न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की खंडपीठ करेगी।
अटॉर्नी जनरल ने कहा कि फैसले के विरोध में 1000 करोड़ से ज़्यादा की सम्पति बर्बाद हो गई है। भारत बंद के दौरान भड़की हिंसा से कई राज्यों में लोगों की मौत हो गई है।
अटॉर्नी जनरल की इस दलील का विरोध करते हुए एमीकस क्यूरी अमरेंद्र शरण ने कहा कि राज्यों में कानून व्यवस्था और शांति को कायम करना राज्य सरकार का काम है। इस बात का हवाला देकर फैसले पर रोक लगाने का कोई तुक नहीं बनता।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक निर्णय में एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामले में तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगाने को कहा था। जिसके बाद दलित संगठनों और नेताओं ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया था। आपको बता दें कि इस मुद्दे को लेकर केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान, थावरचंद गहलोत सहित कई सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी।
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