नई दिल्ली। भाजपा नेताओं के खिलाफ भडक़ाऊ भाषण को लेकर मामला दर्ज करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर अब खुद ही घिर गए हैं। मंदर का विवादित वीडियो सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए उनसे सफाई मांगी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
दरअसल, भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने बुधवार को एक वीडियो ट्वीट किया था, जिसमें हर्ष मंदर कथित तौर पर कहते दिख रहे हैं कि अब फैसला संसद या सुप्रीम कोर्ट में नहीं, सडक़ों पर होगा। मंदर कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या और कश्मीर के मामले में इंसानियत और धर्मनिरपेक्षता की रक्षा नहीं की, इसलिए लोग अब सडक़ों पर अपने भविष्य का फैसला करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने उनके इसी बयान को लेकर मंदर से सफाई मांगी है। मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे ने कहा, अगर आप अदालत के बारे में यही महसूस करते हैं तो हम आपको नोटिस जारी करते हैं। न्यायमूर्ति बी.आर. गवई ने हर्ष मंदर के उस वीडियो के बारे में पूछा, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर शीर्ष अदालत और संसद की भूमिका पर सवाल खड़े किए थे।
इंडियाज बेस्ट डांसर के विजेता बने समर्पण लामा
राहुल ने बेहद व्यक्तिगत व विचारोत्तेजक लेख से सार्वजनिक विमर्श को किया तेज : जयराम
पीएम के तेलंगाना दौरे से पहले बीआरएस-बीजेपी में पोस्टर वॉर
Daily Horoscope