अदालत ने उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किए हैं, वहीं किसी भी तरह
के न्यायिक कार्यों से प्रतिबंधित किया है। उनके पिछले सभी आदेशों को भी
निरस्त करने का निर्देश अदालत ने दिया है। इसी के साथ उनके देश छोडक़र जाने
की संभावनाओं के मद्देनजर सभी हवाई अड्डों को अलर्ट करने को कहा है, जिससे
कि वह देश से बाहर ना जा सकें। इससे पहले जज कर्णन अपने घर में ही अदालत
लगाकर कई अटपटे आदेश जारी कर चर्चाओं में रह चुके हैं।
कर्णन के जवाबी जांच के आदेश...
न्यायमूर्ति सी.एस.कर्णन ने उनकी मानसिक जांच कराने के सर्वोच्च न्यायालय
के आदेश को हास्यास्पद करार देते हुए दिल्ली पुलिस को शीर्ष न्यायालय के
सात न्यायाधीशों को एक मनोचिकित्सा समिति के समक्ष पेश करने का आदेश दिया
है।
न्यायमूर्ति कर्णन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, यह आदेश हास्यास्पद है,
क्योंकि आवश्यकता के अनुसार उपयुक्त प्रक्रियाओं के पालन में सही ढंग से
दिमाग भी नहीं लगाया गया..सातों आरोपी न्यायाधीशों ने अनुसूचित जाति तथा
जनजाति (रोकथाम) अत्याचार अधिनियम के तहत दंड से बचने के लिए जल्दबाजी में
यह हास्यास्पद आदेश जारी कर दिया। उन्होंने कहा, उनके इस विचित्र व्यवहार के कारण, इन सातों न्यायाधीशों को ही वस्तुत: चिकित्सकीय जांच की जरूरत है।
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