नई दिल्ली। जजों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर सुर्खियों में आए कलकत्ता
हाईकोर्ट के जज सीएस कर्णन पर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा आदेश पारित करते
हुए उनकी दिमागी जांच कराने के आदेश दिए हैं। कर्णन ने एक चिट्ठी लिखकर कई
जजों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।
सोमवार को सु्प्रीम कोर्ट में जज
सीएस कर्णन मामले की सुनवाई हुई। कर्णन पर कोर्ट की अवमानना का आरोप था।
कर्णन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिठ्ठी लिखकर कई जजों पर
भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। इसी चिट्ठी के आधार पर मामले की जांच
शुरू हो गई थी। 31 मार्च को पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कर्णन
को चार हफ्ते का समय देकर अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था। उम्मीद
जताई जा रही थी कि कर्णन अपनी चिट्ठी पर या तो माफी मांगेंगे या फिर लगाए
गए आरोपों पर कायम रहेंगे। लेकिन सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान जज सीएस
कर्णन हाजिर ही नहीं हुए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि
सरकारी अस्पताल में जज सीएस कर्णन की दिमागी जांच कराकर रिपोर्ट 8 मई को
अदालत में जमा की जाए। शीर्ष अदालत ने इस संबंध में पश्चिम बंगाल डीजीपी को
एक कमेटी बनाने के आदेश दिए हैं, ताकि उनकी दिमागी जांच हो सके।
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