नई दिल्ली। देश के सबसे बडे सार्वजनिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर और रियल टाइम ग्रास सेटलमेंट लेनदेन के शुल्क में 75 फीसदी तक कटौती की है, जो 15 जुलाई से लागू होगी। बैंक द्वारा गुरुवार को जारी बयान में कहा गया कि शुल्क में की गई यह कटौती बैंक की इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग सेवा द्वारा किए गए लेनदेन पर लागू होगी।
एसबीआई के प्रबंध निदेशक रजनीश कुमार ने कहा कि यह हमारी रणनीति और सरकार द्वारा डिजिटल अर्थव्यवस्था पर जोर दिए जाने के अनुरूप है। एनईएफटी और आरटीजीएस लेनदेन पर शुल्क घटाकर हमने इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग को बढ़ावा देने की दिशा में एक और कदम उठाया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एसबीआई ने हाल ही में आईएमपीएस के जरिए एक हजार रुपये तक के फंड ट्रांसफर पर से शुल्क हटा दिया था। साल 2017 के 31 मार्च तक एसबीआई के कुल 3.27 करोड़ इंटरनेट बैंकिंग ग्राहक थे और 2 करोड़ मोबाइल बैंकिंग के ग्राहक थे। ज्ञातव्य है कि एसबीआई फिलहाल 10 हजार रुपए की एनईएफटी पर ग्राहकों से 2 रुपए वसूलता है।
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