नई दिल्ली । जेल में बंद दिल्ली के
मंत्री सत्येंद्र जैन ने जेल के नियमों का उल्लंघन किया और अपने आधिकारिक
पद व अधिकार का दुरुपयोग किया, जिससे उन्हें जेल में विशेष उपचार का आनंद
लेने का मौका मिला।
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प्रमुख सचिव (गृह), प्रधान सचिव (कानून) और सचिव (सतर्कता) की एक
समिति द्वारा तैयार की गई जांच रिपोर्ट, जिसकी प्रति आईएएनएस को उपलब्ध हुई
है, इस बात को रेखांकित करती है कि जैन अक्सर जेल में अपनी पत्नी पूनम जैन
और परिवार के अन्य सदस्यों से मिलते थे, यानी आम आदमी पार्टी (आप) के
नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार में जेल मंत्री के रूप में अपने अधिकार का
दुरुपयोग करते थे।
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्षो में कहा गया है कि
कम से कम पांच कैदियों-रिंकू (पोस्को आरोपी), अफसर अली, मनीष (पोस्को
आरोपी), सोनू सिंह और दिलीप कुमार पर जेल प्रशासन (अधीक्षक, वार्डन और
मुंशी सहित) द्वारा जैन को 'विशेष सेवाएं' प्रदान करने के लिए दबाव डाला
गया था।
तिहाड़ जेल में बंद जैन को 30 मई को ईडी द्वारा मनी
लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कथित धन शोधन और आय के ज्ञात
स्रोत से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
समिति
ने जैन के साथ तत्कालीन डीजी जेल, संदीप गोयल की मिलीभगत भी पाई और जेल
में बंद मंत्री को वीआईपी ट्रीटमेंट देने के लिए गोयल के खिलाफ विभागीय
कार्यवाही की सिफारिश की।
रिपोर्ट में कहा गया है, "कैदियों ने जैन
को स्वेच्छा से या 'प्यार और स्नेह' के कारण कोई सेवा नहीं दी, जैसा कि
निलंबित जेल अधीक्षक अजीत कुमार ने कहा है। इसके बजाय कैदियों को डर था कि
अगर उन्होंने आज्ञा मानने से इनकार कर दिया, तो उन्हें 'सजा टिकट' दिया
जाएगा या जेल में प्रताड़ित किया जाएगा।
निष्कर्षो में कहा गया है
कि जेल के नियमों का उल्लंघन करते हुए जैन ने उसी मामले में अन्य
सह-अभियुक्तों वैभव जैन और अंकुश जैन के साथ-साथ संजय गुप्ता और रमन
भूरारिया के साथ अपने कमरे में अक्सर अदालत आयोजित की, जो ईडी द्वारा दायर
अन्य मामलों में आरोपी हैं। ऐसी बैठकें अक्सर कर्फ्यू के प्रतिबंधित घंटों
के दौरान भी होती थीं।
रिपोर्ट में कहा गया है, "रिंकू ने जेल
अधिकारियों के निर्देश पर विशेष उपचार के रूप में जैन की मालिश की थी। यह
मालिश स्वैच्छिक या प्रेम और स्नेह से बाहर नहीं थी, जैसा कि तत्कालीन जेल
अधीक्षक ने दावा किया था, लेकिन जैन ने जेल में भव्य जीवनशैली का आनंद
लिया। इसे अधिकार का दुरुपयोग और जेल के मानदंडों का उल्लंघन भी कहा जा
सकता है।"
जांच समिति ने पाया है कि संदीप गोयल ने 6 अक्टूबर को
18.39 बजे से 19.29 बजे तक करीब 50 मिनट के लिए जैन से उनके सेल में
मुलाकात की थी। यह दर्शाता है कि गोयल जैन के काफी करीब थे और यह शीर्ष
अधिकारी यानी तत्कालीन डीजी (जेल) गोयल की मिलीभगत का संकेत है।
आगे
कहा गया है, "तत्कालीन अधीक्षक अजीत कुमार ने 12 सितंबर को अपने सेल में
लगभग 15 मिनट तक जैन के साथ बात की। जैन के व्यक्तिगत उपयोग के लिए फल/भोजन
और अन्य सामान खरीदने के लिए अन्य कैदियों के जेल खाता कार्ड का बेनामी
उपयोग किया गया था।"
रिपोर्ट में कहा गया है कि जेल नंबर 7 की
'ड्योढ़ी' में जैन के परिवार के सदस्य बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के
बार-बार प्रवेश कर रहे थे।
--आईएएनएस
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