हालांकि सरबजीत के मामले में भारत ने कभी अंतर्राष्ट्रीय अदालत का दरवाजा
नहीं खटखटाया लेकिन जाधव के मामले में भारत ने मामले को अंतर्राष्ट्रीय
अदालत में चुनौती दी। सरबजीत पर 26 अप्रैल 2013 को लाहौर की कोट लखपत जेल
में कैदियों ने बर्बरता से हमला कर उनको जख्मी कर दिया था। हालांकि हमले के
इस मामले में अधिकारियों पर संदेह जताया गया था।
अस्पताल में उनसे मिलने
के लिए गए उनके परिवार के सदस्यों ने बताया कि हमले में जेल के अधिकारी
शामिल थे। भारत ने पाकिस्तान से उनको मानवता के आधार पर रिहा करने और भारत
में उनका इलाज करने दिए जाने की अपील की, लेकिन पाकिस्तान ने भारत की अपील
ठुकरा दी थी।
पाकिस्तान सरकार ने दो मई 2013 को घोषणा की कि घायल होने के
कारण सरबजीत की मौत हो गई। सरबजीत जब जीवित थे तब पाकिस्तान के मानवाधिकार
कार्यकर्ता अंसार बर्नी ने उन्हें इंसाफ दिलाने की पूरी कोशिश की, लेकिन
सेना और कट्टरपंथी इस्लामी गुट के दबाव में पाकिस्तान सरकार ने उनकी आवाज
को नजरंदाज कर दिया।
(IANS)
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