नई दिल्ली। केन्द्र सरकार राष्ट्रीय जांच एजेंसी समझौता ब्लास्ट मामले में स्वामी असीमानंद को बरी करने को चुनौती नहीं देगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि कोर्ट ने अपना निर्णय सुना दिया है। जो कोई इसके खिलाफ अपील करना चाहता है, वह कर सकता है।
केन्द्र सरकार इस निर्णय के खिलाफ अपील नहीं करेगी। सरकार क्यों अपील दाखिल करेगी? इसका कोई मतलब नहीं है। गृहमंत्री ने कहा कि समझौता ब्लास्ट में फिर से जांच की संभावनाओं को भी खारिज किया। उन्होंने बताया कि एनआईए ने मामले की गहनता से जांच की है। इसके बाद ही चार्जशीट दाखिल की है। यह निर्णय आ गया है तो यकीन करना चाहिए।
आपको बताते जाए कि भाजपा विपक्ष में थी तो आरोप लगाती थी कि असीमानंद एवं अन्यों को भगवा आतंकवाद मामले में षडयंत्रपूर्वक फंसाया गया है। कांग्रेस सरकार अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण की राजनीति के हिस्से के तौर पर जिहादी आतंकवाद से फर्जी संतुलन के लिए भगवा आतंकवाद की नई कहानी रची है।
यह है मामला: भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली ट्रेन समझौता एक्सप्रेस में वर्ष 2007 में 17 और 18 फरवरी की रात में विस्फोट हुआ, जिसमें 68 लोग मारे गए थे। इसके बाद 18 मई को हैदराबाद की मक्का मस्जिद में विस्फोट में 9 लोग मारे गए थे।
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