नई दिल्ली। असम में नागरिकों की राष्ट्रीय पंजीकरण (एनआरसी) के मसले को लेकर शोर शराबे के बीच बुधवार को राज्यसभा का काम-काज बाधित होने के चलते भोजनावकाश के बाद सदन को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मसले पर बहस का जवाब देने की जिम्मेदारी गृहमंत्री राजनाथ सिंह को सौंपी गई थी, मगर शोर-शराबे के कारण वह मसले पर लगातार दूसरे दिन भी जवाब नहीं दे पाए। सदन की कार्यवाही शुरू होने पर राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह से एनआरसी के मसले पर अपनी बहस जारी रखने को कहा, क्योंकि वह मंगलवार को शोरगुल के कारण अपनी बात पूरी नहीं कह पाए थे।
इस पर तृणमूल कांग्रेस नेता सुखेंदु शेखर राय ने सवाल उठाया कि उच्च सदन के आचार नियमों के अनुसार अगर कोई सदस्य किसी मसले पर अपनी बात पूरी करने में विफल रहा है तो उसी मसले पर वह दोबारा नहीं बोल सकता है। कांग्रेस के सांसदों ने भी राय का समर्थन किया। हालांकि सभापति नायडू ने शाह को बोलने की अनुमति प्रदान करते हुए अपनी बात जारी रखने को कहा है। जैसे ही शाह बोलने के लिए खड़े हुए टीएमसी के सांसद सभापति के आसन के पास आकर नारेबाजी करने लगे।
टीएमसी सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सदन में आकर मसले पर जवाब देने की मांग की। नारेबाजी कर रहे सांसदों से अपनी सीट पर वापस जाने का आग्रह करते हुए नायडू ने कहा कि क्या हम एक पार्टी की दया पर हैं? संसद सदस्यों के लिए यह अशोभनीय है।
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