नई दिल्ली। 'सबका साथ-सबका विकास' करने के लिए राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने संसद में जातिगत जनगणना की मांग की है। राज्यसभा सांसद मनोज झा ने जीरो आवर में गुरुवार को इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि सभी वर्गों को समान शैक्षिक योग्यता के अवसर प्रदान करने के लिए जाति आधारित जनगणना की तत्काल आवश्यकता है। 'सबका साथ, सबका विकास' वास्तव में हो सके, यह सुनिश्चित करने के लिए भी यह बेहद जरूरी है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना प्राथमिकता के आधार पर और तत्परता से की जाए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि यदि जातिगत जनगणना होती है तो ओबीसी के उप-वर्गीकरण की एक मजबूत संभावना है।
मनोज ने कहा कि हमें कई संसाधनों तक पहुंच के बीच के संबंधों के बारे में एक ठोस वैज्ञानिक डेटा की आवश्यकता है। इसके लिए जाति आधारित जनगणना को नकारना इस बात से इनकार करना है कि देश में असमानता जैसी कोई समस्या है। भारत में जहां जाति न केवल एक पहचान बन गई है, बल्कि यह एक जीवन शैली का एक हिस्सा है। जाति-आधारित जनगणना उच्च और गैर-उच्च जाति समूहों के बीच उनकी आबादी के सापेक्ष धन और शिक्षा के अंतर की पहचान करेगी और लक्षित नीतिगत हस्तक्षेपों से उस अंतर को खत्म करने में सहायता करेगी।
गौरतलब है कि बिहार में एक बार फिर जातीय जनगणना का मुद्दा गर्म हो रहा है। आरजेडी और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) दोनों दल जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं।
--आईएएनएस
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