केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि रेपो रेट
कटौती की रफ्तार में काफी सुधार हुआ है, उम्मीद है कि आगे कटौती की रफ्तार
तेज होगी। आरबीआई गवर्नर ने ये बात वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और
आरबीआई सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक के बाद कही।
आपको
बताते जाए कि महंगाई और राजकोषीय घाटा के अनुमान संशोधन की वजह से आरबीआई
ने इस बार रेपो रेट को स्थिर रखा है। यह लगातार दूसरी बार है जब आरबीआई ने
रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है।
यहां देखें, रेपो रेट कटौती का मतलब...
केंद्रीय
बैंक आरबीआई रेपो रेट के आधार पर ही बैंकों को कर्ज देता है। रेपो रेट
जितना कम होता है, बैंकों के लिए उतना ही फायदेमंद होता है। रेपो रेट कटौती
होने के बाद बैंकों पर ब्याज दर कम करने का दबाव बनता है। ब्याज कम होने
का मतलब ये है कि आपकी ईएमआई और लोन सस्ता हो जाएगा, आरबीआई हर दो महीने
पर होने वाली मौद्रिक नीति की बैठक में रेपो रेट की समीक्षा करता है।
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