नई दिल्ली । कई देशों में कोविड के
बढ़ते डर के बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय
से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि उड़ान में कुल यात्रियों के 2
प्रतिशत का सब-सेक्शन आगमन के बाद हवाई अड्डे पर या²च्छिक परीक्षण से
गुजरे।
नागरिक उड्डयन सचिव राजीव बंसल को लिखे पत्र में, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव
राजेश भूषण ने कहा: यह निर्णय लिया गया है कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय हवाई
अड्डे के संचालकों और हवाईअड्डा स्वास्थ्य कार्यालयों (एपीएचओ) के समन्वय
से यह सुनिश्चित करेगा कि फ्लाइट में कुल यात्रियों के 2 प्रतिशत उप वर्गों
के आगमन पर रैंडम टेस्ट किया जाए।
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उन्होंने यह भी कहा कि यात्रियों
की पहचान एयरलाइन करेगी, फिर चाहे वो अलग-अलग देशों के ही क्यों न हों।
यात्रियों का टेस्ट होने के बाद वो सैंपल को जमा करेंगे। उन्हें हवाई अड्डे
से जाने की अनुमति दे दी जाएगी। पॉजिटिव आने वाले यात्रियों की रिपोर्ट को
एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के साथ एसएचओसी.आईडीएसपी एटदीरेट
एनसीडीसी.जीओवी.इन पर साझा किया जाएगा। जिससे कि आगे की कार्रवाई के लिए
इसे संबंधित राज्य या उस क्षेत्र के साथ इसको शेयर किया जा सके। अगर किसी
यात्री का टेस्ट पॉजिटिव आता है तो उसके सैंपल आईएनएसएसीओजी प्रयोगशाला
नेटवर्क में जीनोमिक परीक्षण के लिए भेजे जाने चाहिए।
पत्र में कहा
गया- जबकि परीक्षण का समन्वय नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा किया जा सकता
है, संबंधित हवाईअड्डा स्वास्थ्य कार्यालयों (एपीएचओ) को विधिवत प्रमाणित
बिल जमा करने पर इस मंत्रालय द्वारा परीक्षण की लागत की प्रतिपूर्ति की
जाएगी। नागरिक उड्डयन मंत्रालय से अनुरोध है कि यह परीक्षण सभी
अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर रियायती और समान दरों पर किया जाए।
यह व्यवस्था शनिवार (24 दिसंबर) सुबह 10 बजे से लागू हो जाएगी।
--आईएएनएस
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