नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय में बुधवार का राम मंदिर पर सुनवाई महत्वपूर्ण दिन रहा है। देश की सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या केस में मध्यस्थों के नाम तय कर दिए हैं। आज सुबह कोर्ट ने पक्षकारों से मध्यस्थ करने वालों के नाम भी मांगे थे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हिंदू महासभा ने पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा, पूर्व सीजेआई जेएस खेहर और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एके पटनायक के नाम मध्यस्थता के लिए दिए गए हैं। महासभा आपसी बातचीत के लिए बिलकुल तैयार हो गई है। सीजेआई के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले चार जजों में जस्टिस कुरियन जोसेफ भी शामिल थे।
सर्वोच्च न्यायालय ने माना है कि ये सिर्फ भूमि विवाद नहीं है, बल्कि लोगों की भावनाओं से जुड़ा हुआ एक विषय है। सुप्रीम कोर्ट चाहता है कि बातचीत के माध्यम से ही अयोध्या विवाद का हल निकल जाए। लेकिन क्या ऐसा संभव हो पाएगा, इस पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं।
अयोध्या विवाद पर पहले भी कई बार मध्यस्थता के प्रयास हुए। लेकिन हर बार नतीजा नहीं निकल पाया। इस बार सुप्रीम कोर्ट ने कमान संभाली तो उम्मीद जताई जा रही है कि अयोध्या का रास्ता मध्यस्थता के माध्यम से ही निकलेगा। देश की सबसे बड़ी अदालत यह चाहती है कि अयोध्या केस का हल बातचीत से निकले।
सुप्रीम कोर्ट चाहता है कि केस का हल बातचीत से निकले, इसलिए कोर्ट ने आज ही पक्षकारों से नाम मांगे हैं। कोर्ट ने नाम देने का समय चार बजे तक निर्धारित किया था।
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