इस बारिश से चना, मसूर व अन्य दलहनों को भी लाभ पहुंचा है। आईसीएआर के तहत
आने वाले उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान के
निदेशक डॉ. एन. पी. सिंह ने आईएएनएस को बताया कि दलहन फसल के लिए यह बारिश
अमृत के समान है, इससे दलहनों की पैदावार बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि सर्दी
की बारिश को महावट कहा जाता है जो फसलों के लिए काफी लाभकारी होता है।
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जहां किसानों ने फसल की पहले ही काफी सिंचाई
कर दी है वहां थोड़ा नुकसान हो सकता है। डॉ. सिंह ने बताया कि बीते दिनों
उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में कहीं-कहीं पाला पडऩे से दलहन फसलों को
नुकसान हुआ, लेकिन कुल मिलाकर इस साल दलहन की फसल अच्छी है और इस बारिश के
बाद पैदावार बढ़ेगी।
देशभर में चना समेत सभी दलहन फसलों का रबका 146.24 लाख
हेक्टेयर हो चुका है जोकि पिछले साल की समान अवधि से 4.02 लाख हेक्टेयर
अधिक है। एक अन्य तिलहन विशेषज्ञ ने बताया कि जिन इलाकों में बारिश हुई है
वहां सरसों की फसल को काफी लाभ होगा क्योंकि इस बारिश से उसका दाना पुष्ट
होगा। देश में तिलहनों का रकबा इस साल अब तक 75.72 लाख हेक्टेयर हो चुका है
जिसमें 66.62 लाख हेक्टेयर है।
(IANS)
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