सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को नजरअंदाज किए जाने
जैसे सभी मुद्दों पर जवाब देते हुए समूह की ओर से कहा गया है कि 36 राफेल
फाइटर जेट्स सप्लाई करने वाली कंपनी डसॉल्ट ने रिलायंस डिफेंस को ऑफसेट या
एक्सपोर्ट काम के लिए चुना। विदेशी वेंडर के लिए भारतीय पार्टनर चुनने में
रक्षा मंत्रालय की कोई भूमिका नहीं है। ये भी पढ़ें - अजब गजबः यहां शिवलिंग पर हर साल गिरती है बिजली
उन्होंने कहा कि 126 मीडियम
मल्टि रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलएलआरसीए) प्रोग्राम में एचएएल को
प्रॉडक्शन एजेंसी चुना गया था, लेकिन यह कभी कॉन्ट्रैक्ट स्टेज पर नहीं
पहुंचा।
CJI को वकीलों की चिट्ठी पर मोदी ने कहा, डराना-धमकाना कांग्रेस की पुरानी संस्कृति
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक कश्मीर में नजरबंद
शराब घोटाला मामला: एक अप्रैल तक ईडी की हिरासत में केजरीवाल
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