नई दिल्ली। राफेल विमान सौदे को अंतिम रूप प्रदान करने वाले वार्ताकार दल के अध्यक्ष एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) एसबीपी सिन्हा ने शुक्रवार को विवादित नोट लीक होने की बात से इनकार किया। लीक नोट के दावों के अनुसार, करार में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने दखल दी थी। एयर मार्शल सिन्हा ने आईएएनएस को बताया कि उन्होंने नोट कभी नहीं देखा और वार्ताकार दल को उससे कोई लेना-देना नहीं है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय में काफी अधिक आंतरिक विचार-विमर्श के बाद इसे तय किया गया। उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई कि सौदे की निंदा करने के लिए ऐसे दस्तावेज का इस्तेमाल किया गया है। एयर मार्शल सिन्हा उस समय वायु सेना के उप प्रमुख थे। उन्होंने कहा कि सौदे से संबंधित कागजात वायुसेना की फाइलों में हैं। कथित नोट की चर्चा करने वाले सचिव कभी करार की प्रक्रिया का हिस्सा नहीं रहे।
उन्होंने कहा, मैंने आज पहली बार नोट देखा और वह भी कूट भाषा में जिसमें आरएम (रक्षा मंत्री) का फैसला अप्रकट है। अन्य खरीदों के विपरीत। इसकी अध्यक्षता मैं कर रहा था। सभी बैठकें वायुसेना के मुख्यालय में हुईं। भारतीय वार्ताकार दल से संबंधित सभी फाइलें मुख्यालय की फाइलें हैं। यह (नोट वाली फाइल) एमओडी (रक्षा मंत्रालय) की फाइल है। इसकी शुरुआत वहां हुई और वहीं बंद कर दी गई।
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