नई दिल्ली| कांग्रेस
अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को पीएनबी बैंकिंग धोखाधड़ी मामले में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया और कहा कि उन्हें(मोदी) बताना
चाहिए कि हीरा कारोबारी नीरव मोदी कैसे देश की बैंकिंग प्रणाली से 22 हजार
करोड़ रुपये लेकर फरार हो गया।
उन्होंने कहा कि घोटाले का 90 प्रतिशत हिस्सा राष्ट्रीय जनतांत्रित
गठबंधन(राजग) के कार्यकाल में हुआ। उन्होंने भाजपा से पूछा कि इस पूरे
प्रकरण में किस तरह की कार्रवाई की जाएगी।
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राहुल ने पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से कहा,
"यह
आठ नवंबर, 2016 को तब शुरू हुआ, जब मोदीजी ने 500 और 1000 रुपये के नोट को
अमान्य घोषित कर दिया था। उन्होंने आम लोगों की जेब से सभी पैसे लेकर
बैंकिंग प्रणाली में डाल दिया। आश्चर्य की बात है कि मोदीजी(नीरव मोदी) 22
हजार करोड़ रुपये लेकर फरार हो गए। प्रधानमंत्री एक घंटा 45 मिनट तक
विद्यार्थियों को सिखाते हैं कि परीक्षा कैसे दें, लेकिन यह नहीं बताते कि
जो रुपये लेकर नीरव मोदी भागे हैं, उसका जवाबदेह कौन है।"
उन्होंने
इस मामले पर प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री की चुप्पी पर सवाल खड़े करते हुए
कहा, "कई मंत्री सामने आए, सामाजिक न्याय मंत्री, रक्षामंत्री सामने आईं।
लेकिन वित्तमंत्री और प्रधानमंत्री, जो इसके लिए जिम्मेदार हैं, उन्होंने
इसपर एक शब्द नहीं बोला।"
उन्होंने एक बैठक में हुई चर्चा का जिक्र
करते हुए कहा कि इस स्तर का, 22 हजार करोड़ रुपये का घोटाला, जिसे
प्रधानमंत्री मोदी नजरअंदाज कर रहे हैं, वह उच्चस्तरीय संरक्षण के बगैर
नहीं हो सकता।
राहुल ने कहा, "सरकार के लोगों को निश्चित तौर पर
इसके बारे में पहले से मालूम होगा। नहीं तो, यह संभव नहीं है, क्योंकि राशि
बहुत बड़ी है।"
उन्होंने कहा, "लेकिन अब प्रधामंत्री एक शब्द भी
नहीं बोल रहे हैं। उन्हें आगे आकर इन सवालों का जवाब देना होगा। यह कब हुआ
और कैसे हुआ? हमें पता चला है कि प्रधानमंत्री कार्यालय को नीरव मोदी को
पैसा दिए जाने से पहले ही इस बारे में पता चल चुका था। लेकिन इसपर कोई
कार्रवाई नहीं की गई। इसलिए प्रधानमंत्री को देश को इस बारे में विस्तार से
बताना चाहिए।"
उनके नीरव मोदी के साथ संबंध के बारे में पूछे जाने
पर उन्होंने कहा, "वे लोग देश को भटकाने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसा कुछ भी
नहीं है। प्रश्न है कि नीरव मोदी 22 हजार करोड़ रुपये लेकर भाग गया है।
प्रधानमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि ऐसा कैसे और क्यों हुआ और वह इस बारे
में अब क्या करने वाले हैं।"
यह पूछे जाने पर कि यह सब 2011 में
शुरू हुआ था? राहुल ने कहा, "नहीं ऐसा नहीं था, अधिकांश घोटाला मई 2015 में
शुरू हुआ और 90 प्रतिशत वित्तीय लेन-देन इस सरकार के कार्यकाल में किया
गया। यह सरकार लगातार जिम्मेदारी से भाग रही है।"
आईएएनएस
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