कटक। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को देश के वकीलों को बेजुबानों की आवाज बनकर वंचितों को इंसाफ दिलाने की सलाह दी। ओडिशा के कटक में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की स्थापना दिवस पर व्याख्यान देते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘अगर गरीबों की वैसी पहुंच नहीं बन पाई, जिस तरह अमीरों की है, तो यह हमारी जनतांत्रिक आचार-नीति का मजाक होगा। दुर्भाग्यवश, ऐसा हो रहा है’’ ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि देश की विधिक प्रणाली खर्चीली होने के साथ-साथ विलंब से इंसाफ मिलने के लिए विख्यात है। कार्यवाही को लंबा खींचने के लिए वकील अक्सर स्थगन के औजार का सही गलत उपयोग करते हैं।
उन्होंने कहा कि न्यायिक प्रणाली की जितनी जिम्मेदारी है उतनी ही जिम्मेदारी वकील समुदाय की भी है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘अधिवक्ता अदालत का विधिक अधिकरी होता है। वह अपने मुव्वकिल के प्रति जिम्मेदार होता है। साथ ही, न्याय प्रदान करने में वह अदालत की मदद करता है।’’
--आईएएनएस
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