नई दिल्ली। देश में हिंदुओं की घटती जनसंख्या और मुसलमानों की बढ़ती जनसंख्या के साथ ही पीओके को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने आईएएनएस से खास बातचीत की।
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उन्होंने कहा कि साल 1951 में मुसलमानों की जनसंख्या कम थी। उस समय मुसलमानों में एक से एक टैलेंटेड लोग होते थे वो सब कहां चले गए? जनसंख्या बढ़ी और सेक्युलर राजनीति के चलते मुस्लिम समाज का प्रतिनिधित्व करने वालों की लिस्ट में जाकिर नायक, इशरत जहां, याकूब मेमन, अबू सलेम, छोटा शकील, मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद जैसे मुसलमानों का नाम शामिल हो गया।
उन्होंने कहा, "देश में मुसलमानों की जनसंख्या बढ़ी और क्वालिटी गिरी है। मुझे लगता है कि मुस्लिम समाज को भी इस पर प्रतिक्रिया देने के बजाए चिंतन करने की जरूरत है।"
वहीं, जम्मू कश्मीर से 370 हटाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि तमाम ऐसा राजनीतिक दल थे जो यह कहते थे कि 370 कभी नहीं हट सकती है। कुछ लोग कहते थे कि 370 हटेगी तो उस दिन कश्मीर घाटी में आग लग जाएगी। हालांकि, पीएम नरेंद्र मोदी की दूर दृष्टि, कुशलता, दृढ़ता और गृह मंत्री के रूप में अमित शाह की भूमिका के चलते 370 आज इतिहास बन गया है और कश्मीर खुशहाली के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि पीओके से आ रही बदहाली की दास्तां को देखकर मुझे ऐसा लगता है कि सरहद के इस पार से उन्हें दूसरे सुर दिखाई पड़ते होंगे तो उनके दिल में दर्द होता होगा, उनकी जो पीड़ा होगी, किसी न किसी दिन वह सब्र का बांध टूटेगा। तो हो सकता है हमें कुछ करने का जरूरत ही न हो और पीओके से आवाज उठे कि वो हिंदुस्तान में रहते तो ज्यादा अच्छा होता। ऐसा भी हो सकता है कि वो खुद को हिंदुस्तान में देखना शुरू कर दें।
--आईएएनएस
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