नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में गंगा यमुना समेत कई नदियों में बढ़ते प्रदूषण के कारण डॉल्फिन मछली तक ने अपना इलाका बदला डाला है। इसकी जानकारी देहरादून वन्य जीव संस्थान ने एक रिपोर्ट के जरिये दी। डॉल्फिन की गणना कराना एक चुनौती है। ऐसा होने से उनके भोजन आदि की समस्या सामने आ रही है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
देहरादून वन्य जीव संस्थान ने जारी की रिपोर्ट
देहरादून की वन्य जीव संस्थान की टीम इन दिनों गंगा यमुना में डॉल्फिन का सर्वे करने निकली है। उत्तर प्रदेश के 26 जिलों में सर्वे कर रही इस टीम का अंतिम पड़ाव बलिया जिला होगा। टीम सदस्य आफताब आलम के अनुसार प्रदूषण का प्रभाव कानपुर गंगा बैराज से फतेहपुर में सर्वाधिक है।
72 किमी क्षेत्र में दिखाई दी थी 53 डॉल्फिन
गंगा बैराज में डॉल्फिन गंगा के अंदर वर्ष 2017 में देखी गई थी लेकिन इस वर्ष के सर्वे सब लापता हो गई है। जब प्रदूषण काफी बढ़ जाता है तो डॉल्फिन अपना ठिकाना बदल देती है। पहले सर्वे में गंगा बैराज में यह सर्वाधिक पाई जाती थीं। लगभग 72 किलोमीटर के सर्वे में करीब 53 डॉल्फिन भिटौरा, फतेहपुर में गंगा में उछलकूद करती हुई दिखाई दी थी।
इसी प्रकार फतेहपुर के एकडला यमुना घाट में डॉल्फिन ने अपना नया ठिकाना बनाया। भारतीय वन्यजीव संस्थान नरोरा ने प्रदूषण के चलते गंगा में इसके विलुप्त होने पर चिंता जताई है।
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