नई दिल्ली। नीति आयोग गुरुवार को देश के सबसे ज्यादा पिछड़े जिलों की दूसरी डेल्टा रैकिंग जारी करेगी, जो जून और अक्टूबर के बीच उनके द्वारा की गई वृद्धिशील प्रगति को दर्शाएगा। इसे ‘आकांक्षी जिलों’ की रैंकिंग करार दिया गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सरकार के थिंक-टैंक ने कहा कि जिलों की रैकिंग मुख्य रूप से स्वास्थ्य और पोषण, कृषि और जल संसाधन, वित्तीय समावेशन औरmn , c कौशल विकास और मूलभूत सुविधाओं के आधार पर की जा रही है।
नीति आयोग ने एक बयान में कहा, ‘‘इस रैकिंग में पहली बार नीति आयोग के ज्ञान सहयोगी - टाटा ट्रस्ट्स और बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा किए गए घरेलू सर्वेक्षण से मिले आंकड़ों को भी ध्यान में रखा जाएगा।’’
इस प्रकार की पहली रैंकिंग जून में जारी की गई थी, जिसमें उनके द्वारा किए गए विकास के मामले में जम्मू और कश्मीर का कुपवाड़ा जिला सबसे निचले स्तर पर और गुजरात का दाहोद जिला सबसे उच्च स्तर पर रहा। इस सूची के 20 सबसे पिछड़े जिलों में 9 जिले बिहार के, 5 झारखंड के और 3 ओडिशा के हैं।
सरकार का कहना है कि आकांक्षी जिला कार्यक्रम का लक्ष्य उन जिलों में तेजी से विकास करना है, जिन्होंने प्रमुख सामाजिक क्षेत्रों में कम प्रगति दिखाई है और पिछड़ेपन के इलाके बने हुए हैं, ताकि संतुलित क्षेत्रीय विकास हो सके।
--आईएएनएस
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