नई दिल्ली। सर्वोच्च
न्यायालय ने बुधवार को कहा कि जगन्नाथ मंदिर में अब पुलिसकर्मी हथिायार और
जूतों के साथ प्रवेश नहीं कर सकेंगे।
न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने मंदिर में
श्रद्धालुओं के लिए कतार लगाकर दर्शन करने की व्यवस्था लागू करने को लेकर
तीन अक्टूबर को हुई हिंसा पर संज्ञान लेते हुए यह फैसला सुनाया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एक सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन ने इस व्यवस्था के खिलाफ 12 घंटे का बंद आवाह्न् किया जिस दौरान हिंसा हुई।
गुस्साई भीड़ न मंदिर में दाखिल होने की कोशिश की, जिस कारण पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
कतार
प्रणाली के तहत, भक्तों को मुख्य प्रवेश द्वार सिंघद्वारा में एक कतार
बनाकर मंदिर में प्रवेश करना होगा और दर्शन करने के बाद, उन्हें तीन अन्य
द्वारों से बाहर निकलना होगा।
पुलिस के अनुसार, बंद के दौरान
प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय विधायक और राजस्व मंत्री महेश्वर मोहंती के घर
पर लूटपाट की और पुरी पुलिस अधीक्षक (एसपी) सार्थक सारंगी के आधिकारिक
निवास पर कथित रूप से पत्थरबाजी की।
--आईएएनएस
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