नई दिल्ली। जामिया विश्वविद्यालय और जामिया नगर में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ रविवार को हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुए संघर्ष पर दिल्ली पुलिस ने 24 घंटे बाद सोमवार को मुंह खोला है। एक सोची-समझी रणनीति के तहत दिल्ली पुलिस प्रवक्ता ने बेहद सधी हुई बात की। दिल्ली पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस-वार्ता में इस बात का भी खुलासा हुआ कि इस कांड की जांच दक्षिण-पूर्वी जिला पुलिस से छीनकर दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के हवाले कर दी गई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सोमवार दोपहर बाद आईटीओ स्थित दिल्ली पुलिस मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में प्रवक्ता डीसीपी मंदीप सिंह रंधावा ने कहा कि रविवार को जामिया नगर और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके में हुए बवाल में डीसीपी सहित कई पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे। दो एसएचओ को फ्रेक्चर हो गया। एक पुलिसकर्मी अभी तक आईसीयू में जिंदगी मौत के बीच झूल रहा है। डॉक्टर्स उसकी जिंदगी बचाने की कोशिश में जुटे हैं।
पुलिस प्रवक्ता ने आगे कहा, घटना में चार बसों को भीड़ द्वारा आग लगा दी गई। इसके अलावा 100 के करीब वाहनों को भी भारी नुकसान पहुंचाया गया। इन वाहनों में स्थानीय निवासियों के वाहन सहित दिल्ली पुलिस के भी कई वाहन शामिल थे। आगजनी और पथराव में कितने का नुकसान हुआ है, इसका फिलहाल आंकलन अभी नहीं हो सका है।
पत्रकारों से बातचीत में पुलिस प्रवक्ता ने इस बात से इंकार किया कि झगड़े की पहल दिल्ली पुलिस की तरफ से की गई। उन्होंने कहा, दरअसल कुछ लोग वाहनों को आग लगा रहे थे। निर्दोषों पर पथराव कर रहे थे। उसी वक्त पुलिस ने उपद्रवियों को पीछा करके पकडऩे की कोशिश भी की। कुछ लोग पकड़ में आए भी। तमाम संदिग्ध मौके से भाग गए, जिन्हें दिल्ली पुलिस की टीमों ने रविवार रात भर छापेमारी करके पकड़ा।
First Phase Election 2024 : पहले चरण में 60 प्रतिशत से ज्यादा मतदान, यहां देखें कहा कितना मतदान
Election 2024 : सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल और सबसे कम बिहार में मतदान
पहले चरण के बाद भाजपा का दावा : देश में पीएम मोदी की लहर, बढ़ेगा भाजपा की जीत का अंतर
Daily Horoscope