नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को घोषणा की कि ये कानून 'वैकल्पिक
हैं और अनिवार्य नहीं' हैं। उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि केंद्र सरकार
तीन नए कृषि कानूनों पर किसानों के तार्किक सुझावों को स्वीकार करने के
लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर
बोलते हुए यह घोषणा की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
दो महीने से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे
किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि में, मोदी ने कहा कि 'अफवाह फैलाई जा रही है कि
ये कानून किसानों के खिलाफ हैं।'
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये कानून संसद में कृषि क्षेत्र में सुधार के मद्देनजर पारित किए गए क्योंकि यह समय की आवश्यकता है।
उन्होंने पूछा कि क्या इन तीनों कृषि कानूनों से किसानों की सुविधाओं को छीना जा रहा है, जो उन्हें पहले मिल रहे थे?
उन्होंने
कहा, "किसी पर कोई प्रतिबंध नहीं है। ये कानून किसानों के विकास में बाधा
पैदा नहीं करते हैं। ये कानून वैकल्पिक हैं, अनिवार्य नहीं हैं। ये कानून न
तो पुराने 'मंडियों' को रोकते हैं और न ही इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य
(एमएसपी) पर उपज की खरीद प्रभावित होती है।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि
सरकार ने किसानों को हमेशा सम्मानित किया है और सरकार उन्हें भविष्य में
भी सम्मान देना जारी रखेगी। सरकार उनके साथ कई दौर की बातचीत के बाद भी इन
कानूनों पर उनके तार्किक सुझावों को स्वीकार करने के लिए तैयार है।
उन्होंने
कहा कि सरकार ने किसानों के दिल्ली पहुंचने से पहले ही उनके साथ विभिन्न
दौर की बातचीत की, जहां वे 26 नवंबर से आंदोलन कर रहे हैं।
मोदी ने
कहा, "हम अभी भी किसानों के साथ खुले दिल से बातचीत करने और इन तीनों कृषि
कानूनों पर उनके सुझाव पर अमल करने के लिए तैयार हैं।"
यह दोहराते
हुए कि 'इन कानूनों के पारित होने के बाद न तो कोई 'मंडियां बंद हुईं और न
ही एमएसपी की खरीद प्रभावित हुईं।' प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके विपरीत
हमारे पास इस बजट में मंडियों की संख्या बढ़ाने का प्रावधान है और एमएसपी
पर खरीद भी पहले की तुलना में बढ़ी है।
प्रधानमंत्री के भाषण के
दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने लगातार उनके संबोधन के
दौरान व्यवधान उत्पन्न करने की कोशिश की और विपक्ष ने हंगामा करना शुरू कर
दिया।
कांग्रेस नेता के व्यवधान उत्पन्न करने का जवाब देते हुए,
प्रधान मंत्री ने कहा कि यह 'हंगामा पूर्व-निर्धारित रणनीति के तहत एक
प्रयास है।'
उन्होंने कहा, "यह लोगों का समर्थन हासिल करने में आपकी
(कांग्रेस) मदद नहीं करेगा। कृषि सुधार बहुत महत्वपूर्ण हैं। यह आवश्यक
है। कांग्रेस सदस्यों को इन कृषि कानूनों के कंटेंट और इरादे(कंटेंट एंड
इंटेंट) पर चर्चा करनी चाहिए थी, उन्हें किसानों को गुमराह नहीं करना चाहिए
और अफवाहें नहीं फैलानी चाहिए।"
(आईएएनएस)
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