नई दिल्ली। तमिलनाडु के तूतीकोरिन में स्टरलाइट विरोधी रैली में प्रदर्शनकारियों के पुलिस की गोलियों से मारे जाने के मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने के लिए गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई। सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता जी.एस. मणि ने तूतीकोरिन के जिला अधिकारी, पुलिस अधीक्षक और अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ धारा 302 (हत्या) का मामला दर्ज करने की भी मांग की है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
याचिका में कहा गया है कि गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए 10 लाख रुपये की अनुग्रह राषि की घोषणा मात्र जनता को खुश करने के लिए तथा नर संहार के अपराध से बचने के लिए की गई है। उन्होंने याचिका में गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए 50 लाख रुपये तथा गंभीर रूप से घायल हुए लोगों के लिए 25 लाख रुपये की राशि की मांग की गई है।
याचिका में घटना के बाद तूतीकोरिन, तिरुनेलवेली और कन्याकुमारी में बंद की गई इंटरनेट सेवा बहाल करने की भी मांग की गई है। अधिवक्ता मणि ने आरोप लगाया कि यह एक योजनाबद्ध तरीके से जिला अधिकारी, पुलिस अधीक्षक तथा अन्य उच्च स्तरीय पुलिस अधिकारियों की सहायता से किया गया नरसंहार है।
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