नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में कोविड-19 के मरीजों की संख्या में हाल के दिनों में उछाल देखी गई है, यहां प्रदूषण की समस्या भी देखने को मिल रही है, ऐसे में यहां के लगभग 79 फीसदी निवासी दीवाली के मौके पर पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाए जाने की चाह रखते हैं। गुरुवार को जारी एक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हर बार सर्दियों के मौसम में कोहरे के साथ यहां हवा के साथ धूल, मिट्टी और प्रदूषण के कण मिल जाते हैं, जिसे स्मॉग का नाम दिया गया है। इससे सेहत को काफी खतरा होता है। मेडिकल एक्सपर्ट्स इसे लेकर काफी चिंतित हैं क्योंकि प्रदूषण के चलते कोरोनावायरस के हवा में कुछ और देर बने रहने की संभावनाएं रह जाती हैं, ऐसे में शहर में संक्रमण के मामलों में प्रसार देखने को मिल सकता है।
'लोकलसर्कल्स' की तरफ से इस मुद्दे को समझने के लिए एक सर्वेक्षण किया गया। इसमें दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा और गाजियाबाद के लोगों की एक सामान्य अवधारणा को समझने का प्रयास किया गया। उनसे यह जाना गया कि त्यौहारों के मौसम में क्या वे आतिशबाजियों के इच्छुक हैं या इनसे दूरी बरतने में ही अपनी भलाई समझते हैं।
नतीजा जो सामने आया, उसमें यह देखने को मिला कि दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले 79 फीसदी निवासी इस दिवाली नियमित पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाए जाने की चाहत रखते हैं, जबकि 32 फीसदियों ने छोटे-मोटे, आम पटाखों की बिक्री को अपना समर्थन दिया है।
47 फीसदी निवासी सभी तरह की आतिशबाजियों और पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध चाहते हैं, जबकि 20 फीसदी चाहते हैं कि सभी पटाखों की बिक्री की अनुमति दी जाए। इनमें से एक फीसदी ने मुद्दे पर अपनी कोई राय जाहिर नहीं की है।
--आईएएनएस
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