देश में आज स्वदेशी को लेकर एक सकारात्मक माहौल बना है और लोगों को
लगने लगा है कि यदि हमें हमारी सभ्यता और संस्कृति को जीवित रखना है, यदि
हमें योग व आयुर्वेद को जीवित रखना है तो स्वदेशी को अपनाना होगा तभी हम
इस 5000 साल पुरानी संस्कृति को कालांतर तक जीवित रह पाएंगे।
आचार्य
ने उन तमाम घटनाओं का भी जिक्र किया, जिन घटनाओं में देश के समक्ष
चुनोतियों के रूप में उभर कर आई थी। अमूल के एमडी उपेंद्र सोडी ने अमूल
की वर्षों की यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किस प्रकार अमूल ने विकास
के पैमाने तय किए हैं।आज लोग किस प्रकार अमूल दूध पीकर अपनी ना सिर्फ सेहत
सुधार रहे हैं बल्कि भावी पीढ़ी को भी मजबूत बना रहे हैं।
इस मौके
पर गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलपति रामकिशोर शर्मा ने भी अपने
विचार व्यक्त किए। आरंभ में स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक अरुण
कुमार ओझा ने वर्ष 2018 - 19 के कार्यक्रमों का पूरा विवरण रखा। जयपुर
प्रांत से 38 कार्यकर्ता शामिल हो रहे हैं।
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