नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि यदि जम्मू एवं कश्मीर में हिंसा,
पथराव बंद हो जाए और विद्यार्थी कक्षाओं में लौट जाएं, तो वह सरकार से
कहेगा कि वहां पैलेट गन का इस्तेमाल नहीं किया जाए।
जम्मू एवं कश्मीर बार एसोसिएशन के नेताओं से हालात को सुधारने के लिए
सकारात्मक सुझावों के साथ आगे आने की बात कहते हुए प्रधान न्यायाधीश
न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहर, न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ और
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने कहा कि यदि जम्मू एवं कश्मीर में पत्थरबाजी,
हिंसा बंद होती है और विद्यार्थी कक्षाओं में वापस लौट जाते हैं तो हम
सरकार से पैलेट गन का इस्तेमाल नहीं करने के लिए कहेंगे।
बार
एसोसिएशन के नेताओं द्वारा हुर्रियत के नेताओं से सरकार की बिना शर्त मांग
पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा, "यदि आप संविधान के ढांचे के भीतर कुछ सुझाव
देते हैं तो हम आपको भरोसा देते हैं कि बातचीत की जाएगी।"
बार
एसोसिएशन को सुझाव के साथ 9 मई तक आने की मोहलत देते हुए अदालत ने कहा, "आप
हमें पहले बताइए कि आप क्या करेंगे। इसके बाद हम सरकार को निर्देश देंगे।
यदि पत्थरबाजी जारी रहेगी, तो यह काम कैसे होगा।"
न्यायमूर्ति कौल
ने बार एसोसिएशन के वकील से कहा कि छात्र अपने कॉलेज और विश्वविद्यालय में
जाएं। इस हिंसा को रोकिए, वहां बहुत बेरोजगारी है।
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