नई दिल्ली । पेगासस जासूसी सॉफ्टवेयर
मामले में उच्चतम न्यायालय में दायर एक नई याचिका में अंतरराष्ट्रीय मीडिया
में प्रकाशित एक नई रिपोर्ट के मामले का संज्ञान लेने तथा प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने संबंधी आदेश देने की मांग की
गई है।
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पेगासस केस के मुख्य याचिकाकर्ता ने इस याचिका में
कहा है कि न्यूयार्क टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट में विस्तार से कहा
गया है कि मोदी सरकार ने जुलाई 2017 में इजरायली फर्म से यह सॉफ्टवेयर
खरीदा था।
शुक्रवार को प्रकाशित रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत
और इजराइल 2017 में हथियारों और खुफिया गियर के 'पैकेज' के 2 अरब डॉलर के
सौदे पर सहमत हुए थे। इसमें आगे कहा गया था कि पेगासस और मिसाइल सिस्टम इस
सौदा प्रक्रिया के अहम बिंदु थे। यह भी बताया गया है कि अप्रैल 2017 में
भारत ने भारतीय सेना को वायु रक्षा मिसाइलों की आपूर्ति के लिए इजराइल
एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के साथ दो अरब डालर का सौदा किया था।
याचिका
में प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई है, ताकि विवादित सौदे के लिए
भुगतान किए गए सार्वजनिक धन की वसूली की जा सके और प्रधानमंत्री मोदी सहित
संबंधित व्यक्तियों पर कानून के अनुसार मुकदमा चलाया जा सके।
याचिकाकर्ता ने इजरायली कोर्ट को एक अनुरोध पत्र जारी करने के लिए एक
याचिका भी दायर की है ताकि एनएसओ कार्यालय और अन्य स्थानों पर छापेमारी के
दौरान सरकार द्वारा लिए गए आवश्यक सबूत हासिल किए जा सके ।
शीर्ष
अदालत ने 27 अक्टूबर को कहा कि उसे सच्चाई जानने के लिए मजबूर किया गया
था, क्योंकि उसने उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश आर.वी.
रवींद्रन की निगरानी में पेगासस मामले की जांच के लिए एक स्वतंत्र तकनीकी
समिति को नियुक्त किया था ।
समिति उचित समझने पर जांच कर सकती है और
जांच के संबंध में किसी भी व्यक्ति के बयान ले सकती है और किसी भी
प्राधिकरण या व्यक्ति के रिकॉर्ड की मांग कर सकती है।
न्यायमूर्ति
रवींद्रन तकनीकी समिति के कामकाज की देखरेख कर रहे हैं और उनकी सहायता के
लिए पूर्व आईपीएस अधिकारी आलोक जोशी और डॉ. संदीप ओबेरॉय, अध्यक्ष, उप
समिति (अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन/अंतर्राष्ट्रीय इलेक्ट्रो-तकनीकी
आयोग/संयुक्त तकनीकी समिति) सहायता प्रदान कर रहे है।
तकनीकी समिति
के तीन सदस्य डॉ नवीन कुमार चौधरी, प्रोफेसर (साइबर सुरक्षा और डिजिटल
फोरेंसिक) और डीन, राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय, गांधीनगर,
गुजरात, डॉ प्रभारन पी , प्रोफेसर (इंजीनियरिंग स्कूल), अमृता विश्व
विद्यापीठम , अमृतापुरी, केरल, और डॉ अश्विन अनिल गुमस्ते, एसोसिएट
प्रोफेसर (कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान,
बॉम्बे, महाराष्ट्र हैं।
अधिवक्ता शर्मा, माकपा सांसद जॉन ब्रिटास,
पत्रकार एन. राम, आईआईएम के पूर्व प्रोफेसर जगदीप छोकर , नरेंद्र मिश्रा,
परंजॉय गुहा ठाकुरता, रूपेश कुमार सिंह, एस.एन.एम. आब्दी और एडिटर्स गिल्ड
ऑफ इंडिया ने पेगासस जासूसी के आरोपों की स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए
अनेक याचिकाएं दायर की हैं।
--आईएएनएस
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