नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर काफी शोर मचा हुआ है। हाल ही इसे मोदी कैबिनेट ने पास कर दिया। अब इसे संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में पेश किया जाएगा। वहां से पास होने पर इस पर मोहर लग जाएगी। हालांकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित कई राजनीतिक दिग्गज बिल के लिए एतराज जता चुके हैं। अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने भी इसका विरोध किया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पूर्व केंद्रीय मंत्री थरूर ने रविवार को न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में विधेयक को लेकर अपने विचार व्यक्त किए। थरूर ने कहा कि संसद में विधेयक का पारित होना निश्चित तौर पर महात्मा गांधी के विचारों पर मोहम्मद अली जिन्ना के विचारों की जीत होगी। धर्म के आधार पर नागरिकता देने से भारत ‘पाकिस्तान का हिंदुत्व संस्करण’ भर बनकर रह जाएगा।
भाजपा सरकार एक समुदाय को निशाना बना रही है और दूसरे धर्मों की तुलना में उस समुदाय के लोगों की उन्हीं स्थितियों में उत्पीडऩ पर उन्हें शरण नहीं दे रही है। अगर विधेयक को संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किया भी जाता है तो मुझे विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट की कोई भी बेंच भारत के संविधान की मूल भावना का घोर उल्लंघन नहीं होने देगी।
यह सरकार का शर्मनाक काम है जिसने पिछले वर्ष राष्ट्रीय शरणार्थी नीति बनाने पर चर्चा करने से इंकार कर दिया, जिसे मैंने निजी सदस्य विधेयक के तौर पर प्रस्तावित किया था और तत्कालीन गृह मंत्री, गृह राज्यमंत्री और गृह सचिव के साथ निजी तौर पर शेयर किया था।
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