नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि हमारा संविधान हमारे लिए सबसे बड़ा और पवित्र ग्रंथ है। हमारा संविधान इतना व्यापक इसलिए है, क्योंकि उसने बाहर के प्रकाश के लिए अपने खिड़कियां खुली रखी हैं। अपनी गलतियों की वजह से हमने आजादी भी खोई है और गणतंत्र का चरित्र भी खो दिया था। बाबा साहब ने पूछा था कि हमें आजादी भी मिल गई, गणतंत्र भी हो गए। क्या हम इसे बनाए रख सकते हैं? क्या अतीत से हम सीख ले सकते हैं? बाबा साहब अगर होते तो उनसे अधिक प्रसन्नता शायद ही किसी को होती। भारत ने इतने वर्षों में उनके सवालों का उत्तर दिया और अपने लोकतंत्र को आज समृद्ध किया है। यह बात प्रधानमंत्री मोदी ने आज संविधान दिवस पर संबोधित करते हुए कही। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संविधान की भावना अटल और अडिग रही है। अगर इसके साथ कभी कुछ इस तरह के प्रयास हुए भी हैं तो देशवासियों ने इसे असफल किया है। हमारे संविधान की मजबूती के कारण ही हम एक भारत-श्रेष्ठ भारत की दिशा में आगे बढ़ पाए हैं। हमने तमाम सुधार संविधान की मर्यादा में रहकर किए हैं।
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