पीएम मोदी ने कहा कि यह वह दौर है, जब माता-पिता बच्चों पर ऐक्स्ट्रा
ऐक्टिविटी के लिए भी दबाव डालने लगे हैं। मां-बाप का भी काम है कि यह देखें
कि वह बच्चों की रुचि देखें और उसके मुताबिक उन्हें अवसर दें। बच्चों की
ऐक्स्ट्रा ऐक्टिविटी को भी कहीं न कहीं बांधना चाहिए, तभी बच्चे अपनी
क्षमता का सही आकलन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि आप स्कूली जीवन में
विविधताओं के साथ आगे बढ़ते हैं तो फिर आपके जीवन में निराशा नहीं रहती।
प्रधानमंत्री
मोदी ने कहा कि परीक्षा के अंक जिंदगी नहीं हैं। कोई एक परीक्षा पूरी
जिंदगी नहीं है। ये एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। लेकिन यही सब कुछ है, ऐसा नहीं
मानना चाहिए। मैं माता-पिता से भी आग्रह करूंगा कि बच्चों से ऐसी बातें न
करें कि परीक्षा ही सब कुछ है।
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