नई दिल्ली। पाकिस्तान अब अपने आतंकवाद पर अपने मित्र देशों का सहयोग मिलना बंद होता नजर आ रहा है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक से पहले चीन और सऊदी अरब ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने और फंडिंग रोकने के निर्देश दिए हैं। अब वे दोनों देश भी आतंकवाद मुद्दे पर भारत के साथ आ गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
दोनों देशों ने पाकिस्तान को आतंकवाद पर अपनी प्रतिबद्धताएं एफएटीएफ की समयसीमा के भीतर के लिए कहा है। इसमें सभी आतंकी संगठनों के सरगनाओं के खिलाफ कार्रवाई भी शामिल है।
पाकिस्तान को एफएटीएफ द्वारा ब्लैकलिस्ट होने से बचाने में अंत तक तुर्की मजबूती से खड़ा रहा था जबकि चीन के रुख में यह बड़ा यू टर्न कहा जा रहा है। जिसने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स में हमेशा से पाकिस्तान का समर्थन करता आ रहा है। पाकिस्तान फिलहाल एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में ही रहेगा और अगर वह जून महीने से पहले आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं करेगा तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। एफएटीएफ आज पाकिस्तान के ब्लैकलिस्ट होने के मामले पर आधिकारिक तौर पर घोषणा करेगा।
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