नई दिल्ली। संजय लीला भंसाली की ऐतिहासिक फिल्म 'पद्मावत' की रिलीज को पाकिस्तान सेंसर बोर्ड ने बुधवार को आसानी से मंजूरी दे दी। एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मोबाशिर हसन ने इस्लामाबाद से सोशल मीडिया के जरिए आईएएनएस को बताया, सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सेंसर (सीबीएफसी) ने 'पद्मावत' को बिना किसी छंटाई के सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए फिट घोषित कर दिया। फिल्म को 'यू' प्रमाणपत्र दे दिया गया है।
पाकिस्तान के कुछ वितरकों के मुताबिक, फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी की नकारात्मक भूमिका के कारण संदेह था।
इस बारे में पूछे जाने पर हसन ने कहा, "सीबीएफसी कला, रचनात्मकता और अच्छे मनोरंजन के लिए पक्षपाती नहीं है।"
उन्होंने कहा कि फिल्म प्रमाणीकरण के लिए कायद-ए-आजम यूनिवर्सिटी के नियमों के अनुसार, इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर वकार अली शाह को सीबीएफसी ने सह-चयनित किया गया।
हासन ने कहा, "सह-चयनित सदस्य के पास कोई मतदान अधिकार नहीं था, वे विशेषज्ञ राय के लिए थे।"
'पद्मावत' दुनियाभर में गुरुवार को रिलीज हुई।
पाकिस्तान में एक प्रमुख फिल्म वितरक, एवरेडी ग्रुप ऑफ कंपनीज के अध्यक्ष सतीश रेड्डी ने आईएएनएस से कहा कि 'पद्मावत' की पहले सप्ताह में 'बहुत मजबूत' प्रतिक्रिया होनी चाहिए।
भारत में, फिल्म निर्माताओं को सिनेमाघरों तक फिल्म लाने के लिए लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी, क्योंकि कुछ राजपूत संगठन कथित ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ के कारण फिल्म की रिलीज के खिलाफ हैं।
श्री राजपूत करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने देश के कुछ हिस्सों में फिल्म रिलीज को रोकने के लिए हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू किया।
'पद्मावत' 16वीं सदी के सूफी कवि मलिक मोहम्मद जायसी का महाकाव्य है। इसमें ही पहली बार रानी 'पद्मावती' का जिक्र किया गया।
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