अपने लेख में उन्होंने लिखा, पाकिस्तान का आतंकी जिहादी संगठनों अफगान
तालिबान, तहरीक-ए-जिहाद इस्लामी, जैश-ए-मुहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा या हिजबुल
मुजाहिदीन के साथ पहले के संबंधो ने भारत-पाकिस्तान के संबंधों में संघर्ष
का अतिरिक्त तत्व रहा है। उन्होंने लिखा, पाकिस्तान और अमेरिका के बीच
द्विपक्षीय संबंधों के कारण भारत के साथ संबंध बिगड़ा रहा। ये भी पढ़ें - यहां मरने के बाद भी होती है शादी, मंडप में दूल्हा-दुल्हन...
उन्होंने
लिखा है कि अफगानिस्तान में तालिबान को हराने के लिए अमेरिका और उसके
सहयोगियों के द्वारा सैन्य कार्रवाई और उसमें भारत और पाकिस्तान की भूमिका
से दोनों देशों के बीच पेचीदगी का एक और स्तर बन गया। जोसेफ ने सुझाव दिया
है कि उन्हें सबसे बड़ी चिंता है कि पाकिस्तान पिछले 48 सालों से लगातार
परमाणु हथियारों को बनाने में लगा हुआ है जो हथियार पाकिस्तान और विदेशों
में गलत तत्वों द्वारा उपयोग किया जा सकता है।
1971 और 2016 के बीच
इस्लामाबाद ने लगातार परमाणु हथियारों का विकास किया है जिसमें प्लूटोनियम
और यूरेनियम जनित हथियार जो काफी खतरनाक हथियारों में शामिल है। जोसेफ ने
खुफिया सूत्रों से पाया कि पाकिस्तान के नियंत्रण में 140-150 परमाणु
हथियार हैं साथ ही 3,000 से 4,000 किलोग्राम तक के यूरेनियम जनित हथियारों
(एचईयू) का जखीरा भरा हुआ है। उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई है कि
पाकिस्तान को काफी संख्या में मिसाइलों का प्रबंधन करने में चीन काफी मदद
कर रहा है।
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