नई दिल्ली। परमाणु हथियारों के जखीरे पर स्टॉकहेम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीपरी) ने रिपोर्ट जारी है। चीन और पाकिस्तान को भारत के मुकाबले संख्याबल में भले ही ज्यादा बताया गया हो पर नई दिल्ली के पास मौजूद परमाणु हथियार काफी सक्षम और किसी को भी जवाब देने के लिए पर्याप्त हैं। पाकिस्तान परमाणु हथियार रखने के मामले में भारत से अब भी आगे है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जनवरी 2018 तक पाकिस्तान के पास परमाणु हथियारों की संख्या 140-150 है वहीं भारत के पास 130-140 परमाणु हथियार हैं। साल 2017 में भारत के पास परमाणु हथियारों की संख्या 120-130 थी तो वहीं पाकिस्तान के पास यह संख्या 130-140 थी। परमाणु हथियार बढ़ाने के अलावा भारत और पाकिस्तान दोनों देश नई जमीनी, समुद्री और हवाई आधारित मिसाइल सिस्टम का लगातार विस्तार कर रहा है।
चीन के परमाणु हथियारों की संख्या पाकिस्तान का दोगुना है। चीन के पास 280 परमाणु हथियार हैं। साल 2017 में चीन के पास यह संख्या 270 थी। सोमवार को वैश्विक संस्था स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) के द्वारा जारी रिपोर्ट में वैश्विक परमाणु हथियारों की संख्या में कमी आई है।
चौंकाने वाली बात यह है कि यह कमी अमेरिका और रूस के कारण आई है जो विश्व में परमाणु हथियारों की सबसे बड़ी साझेदारी रखता है। आपको बता दें कि अमेरिका और रूस के पास पूरे विश्व का 92 फीसदी परमाणु हथियार है। अमेरिका के पास परमाणु हथियारों की संख्या 6,450 है वहीं रूस के पास 6,850 है।
दुनिया के नौ देशों अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, इजरायल, और उत्तर कोरिया के पास कुल 14,465 परमाणु हथियार हैं।
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