श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर शहर आैर कश्मीर घाटी (Kashmir Valley) में 28 हजार से अधिक जवानों की तैनाती की जा रही है। सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा बलों को श्रीनगर शहर के अतिसंवेदनशील इलाकों तथा घाटी की अन्य जगहों पर तैनात किया जा रहा है। इनमें अधिकतर सीआरपीएफ के जवान हैं। केन्द्र सरकार ने 28 हजार जवानों की तैनाती का खंडन किया। जम्मू-कश्मीर में अतिरिक्त 28 हजार सुरक्षाबलों की तैनाती पर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सवालिया निशान खड़े करते हुए कहा किसेना और वायुसेना को हाई अलर्ट पर क्यों रखा गया है। क्या यह 35ए या परिसीमन को लेकर हो रहा है। इस तरह का अलर्ट अगर जारी किया गया है तो यह बहुत कुछ अलग है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस तरह अचानक 280 से अधिक कंपनियों (28,000 सुरक्षाकर्मियों) को देर शाम तैनात किए जाने का कोई कारण नहीं बताया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शहर में प्रवेश और बाहर निकलने के सभी रास्तों को केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों को सौंप दिया गया है। स्थानीय पुलिस की महज प्रतीकात्मक उपस्थिति है। स्थानीय निवासी घबराए हुए हैं और उन्होंने जरूरी सामान खरीदना प्रारंभ कर दिया है।
सूत्राें ने बताया कि कुछ धर्मस्थलों से सुरक्षा को हटाया गया है क्योंकि गुप्त सूचना मिली है कि विदेशी आतंकवादी वहां तैनात पुलिसकर्मियों को निशाना बनाने की योजना बना रहे हैं। शैक्षिक संस्थानों की गर्मी की छुट्टियां गुरुवार से प्रारंभ हो गई हैं और अगले 10 दिनों तक यह जारी रहेंगी। अमरनाथ यात्रा के लिए चलाए जा रहे कुछ लंगरों को भी बंद करने की सूचना मिली है।
इन केंद्रीय बलों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) शामिल हैं।
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