नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेसÓ यानी कारोबारी सुगमता को प्रोत्साहित करने, सुदृढ़ आर्थिक विकास सुनिश्चित करने को लेकर वह पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले चार साल के दौरान उन्होंने इस दिशा में कई सकारात्मक कदम उठाए हैं। मोदी ने एक साक्षात्कार में कहा कि पिछले चार साल में मेरी सरकार ने अर्थव्यवस्था के सामने आने वाली समस्याओं का समाधान करने के लिए कई मोर्चों पर चेतना और मेहनत के साथ काम किया है। इन प्रयासों की बदौलत हमारी अर्थव्यवस्था आज 7.5 फीसदी की वृद्धि दर से विकास कर रही है, जोकि प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सर्वाधिक वृद्धि दर है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि सरकार ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा दे रही है, लेकिन अनैतिक कार्यों में लिप्त तत्वों के साथ कड़ाई से निपट रही है। प्रधानमंत्री ने विनिवेश और कराधान के मामले में अपनी सरकार द्वारा शुरू किए गए सुधारों की सूची पेश की। मोदी ने कहा कि चाहे कंपनी का संयोजन करने की बात हो या निदेशक बनाने की बात या आयकर भुगतान या जीएसटी की बात हो, सबमें प्रक्रियाओं को सरल बनाने पर जोर दिया जा रहा है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में विश्वबैंक की रैंकिंग में भारत 142वें पायदान से ऊपर उठकर 100वें पायदान पर आ गया है। इससे साबित होता है कि हमारे यहां कंपनियों के उपयुक्त माहौल बन बन चुका है।
मोदी ने कहा कि सरकार ने सार्वजनिक परिसंपत्तियों के सक्षम प्रबंधन के लिए केंद्रीय सार्वजनिक उद्यमों के प्रति अपना नजरिया बदलने का एक अहम फैसला किया है। विनिवेश के नए उपकरणों में आईपीओ के जरिए सीपीएसई को सूचीबद्ध करना, विलय, सीपीएसई का अधिग्रहण और एक्सचेंज टे्रडेड फंड (ईटीएफ) को सूचीबद्ध करना शामिल है। 2014 से सरकार ने पीएसई के विनिवेश से दो लाख करोड़ रुपये की रकम हासिल की है। वर्ष 2017-18 में सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये प्राप्त किए थे। मोदी ने कहा कि इसकी तुलना पिछले 10 साल (2004-05 से लेकर 2013-14) से की जा सकती है, जिस दौरान 1.08 लाख करोड़ की संयोजित प्राप्ति हुई थी। मोदी ने कहा कि हमारी प्राप्ति महज आधी अवधि में दोगुनी है। प्रधानमंत्री ने प्रत्यक्ष कर के मोर्चे पर आयकर रिटर्न फॉर्म का जिक्र किया और कहा कि इसे करदाताओं के लिए सुविधाजनक बनाया गया है।
आयकर विभाग ने आकल्प जांच के लिए नियमों को आसान बना दिया है। बैंकिंग क्षेत्र में सुधार के उपायों पर मोदी ने कहा कि स्वच्छ और प्रभावकारी रिकवरी सिस्टम बनाने के लिए उनकी सरकार ने ऋणशोधन अक्षमता व दिवालिया संहिता (आईबीसी) लागू किया है। इसके अलावा आईबीसी मार्ग का आश्रय लेने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक को अधिकृत करने के लिए बैंङ्क्षकग नियमन अधिनियम 1949 में संशोधन किया गया है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत बनाने के लिए सरकार ने इंद्रधनुष योजना के तहत शुरुआती 70,000 करोड़ रुपये डालने के बाद फिर 2017 में 2.11 लाख करोड़ रुपये का पुनर्पूंजीकरण की घोषणा की।
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