नई दिल्ली। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) की बैठक से मंगलवार को विपक्ष के कई सांसदों ने वॉकआउट किया। उन्होंने भाजपा सदस्यों पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी का आरोप लगाया। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद मनोज झा ने कहा कि यह सरकार को संदेश देने का तरीका था कि वह अपने तौर-तरीकों में बदलाव करे।
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मनोज झा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “यह वक्फ की मीटिंग क्यों हो रही थी? वक्फ को लेकर जेपीसी के पास जो मसौदा है उस पर व्यापक चर्चा हो। खड़गे साहब की बात कहां से आ गई। यह (बैठक) मसौदे पर चर्चा के लिए थी। किसी प्लेटफॉर्म को पहले राजनीतिक प्लेटफॉर्म में तब्दील कर दिया जाए, फिर विपक्ष के लोग ऑर्केस्ट्रा बजाएं? यह सरकार को एक संदेश है। उन्हें अपने तौर-तरीके में बदलाव करना चाहिए।”
खाने-पीने की चीजों में थूकने और फर्जी नाम से चीजें बेचने के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार के अध्यादेश लाने पर उन्होंने कहा, "अब तक तो मैंने इस सरकार को काम करने के अधिकार पर अध्यादेश लाते नहीं सुना। मैं लोगों से पूछता हूं कि इस देश की सबसे बड़ी समस्या क्या है। वह है बेरोजगारी, भुखमरी, असामनता। इन सब पर उन्हें अध्यादेश लाना चाहिए। ये लोग देश को आभासी चीजों में उलझा कर क्या बनाना चाहते हैं? क्या वर्तमान में ऐसे कानून नहीं है कि अगर कोई ऐसी स्थिति है तो उसका निदान हो सके? ये लोग कैसे हैं? क्या सोच है इनकी? प्रधानमंत्री बाहर जाकर कहते हैं कि बुद्ध और गांधी के देश से आया हूं। क्या उनका तौर-तरीका यह है। मैंने आज तक नहीं सुना कि काम करने के अधिकार पर बात हो। खाने के अधिकार पर नए सिरे से हमें सोचने की जरूरत है। वहां चिंतन है ही नहीं। ये निम्न दर्जे की राजनीति करते हैं। करने दीजिए।"
--आईएएनएस
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